भारत नेपाल सम्बन्ध से उभरती प्रवृत्तियां

  • सौरभ वर्मा

Abstract

भारत और नेपाल न केवल भौगोलिक दृष्टि से नजदीक हैं, वरन सामाजिक धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से काफी नजदीक हैं। दोनों के बीच खुली सीमारेखा और स्वतन्त्रतापूर्वक एक दूसरे के नागरिकों का आवागमन इस बात के प्रमाण हैं कि ये सम्बन्ध दो देशो के बीच के सम्बन्ध से आगे, उनके जनसामान्य के बीच स्ािापित भाईचारे का सम्बन्ध है। इसे रोटी और बेटी के समंध के रूप में कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी, लेकिन हालिया वर्षों में नेपाल में राजनीतिक परिवर्तनों की प्रक्रिया ने भारत नेपाल संबंधों को जटिल बना दिया है। विशेषरूप से नेपाल के तराई क्षेत्र के मधेसी समुदाय द्वारा भारत से होने वाले व्यापार को बाधित करने के उपरान्त उत्पन्न समस्या के निराकरण के लिए नेपाल ने चीन से सहयोग प्राप्त किया, तथा अधिकृत रूप से कहा कि चीन के रूप में उनके पास एक विकल्प उपलब्ध है।इससे भारत नेपाल सम्बन्ध द्विपक्षीय से आगे त्रिपक्षीय होता हुआ दिखाई देता है। क्योंकि अब भारत नेपाल के सम्बन्ध को नेपाल और चीन के बीच बढता सम्बन्ध प्रभावित भी कर रहा है। इस लिए इस शोधपत्र में उक्त आलोक में भारत नेपाल के बीच सम्बन्ध का अध्ययन किया गया है।जिसमें यह पाया है कि नेपाल भी 21 वी शदी के झंझावातों से अपने आप को पृथक नहीं कर सकता। साथ ही भारत को भी नेपाल की भूराजनीतिक और रणनीतिक स्थिति के अनुरूप अपनी भूमिकाओं को पुनर्परिभाषित करते हुए आगे बढ़ना होगा। भारत और नेपाल अपनी सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और भौगोलिक निकटता के कारण एक अद्वितीय संबंध साझा करते हैं। हालाँकि, इस रिश्ते को हाल के दिनों में कई उतार-चढ़ाव से चिह्नित किया गया है। इस पत्र का उद्देश्य भारत-नेपाल संबंधों की बदलती गतिशीलता और हाल के तनाव में योगदान देने वाले कारकों की जांच करके भारत-नेपाल संबंधों में उभरती प्रवृत्तियों का विश्लेषण करना है। पेपर का तर्क है कि जहां संबंध विभिन्न राजनीतिक और आर्थिक कारकों से प्रभावित हुए हैं, यह बदलते क्षेत्रीय और वैश्विक शक्ति गतिकी हैं जो संबंधों की रूपरेखा को आकार दे रहे हैं। शब्दकुंजः द्विपक्षीय सम्बन्ध, त्रिपक्षीय सम्बन्ध, भूराजनीतिक स्थिति, रणनीतिक स्थिति, आधारभूत ढाँचा।
Published
2023-04-05
How to Cite
सौरभ वर्मा. (2023). भारत नेपाल सम्बन्ध से उभरती प्रवृत्तियां. International Journal Of Innovation In Engineering Research & Management UGC APPROVED NO. 48708, EFI 5.89, WORLD SCINTIFIC IF 6.33, 10(02), 64-78. Retrieved from http://journal.ijierm.co.in/index.php/ijierm/article/view/1393
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Articles